
धड़कन ...
टूटता है दिल तो
आवाज भी नही होती है
एक अर्से पहले तुमने मुझसे मुंह मोड़ लिया था
और मै.. अब तक
मेरे दिल के टुकड़ों को समेट रहा हुं
ज़माना भी मना रहा है जशन
तेरे रुखसत का ...
कर रहा है कामयाब कोशिश
तेरी हर निशानी को मिटाने का ..
मै भी सोच रहा हुं
सब निशानियाँ तुझको लौटा दू
एक बार आओ
और ये सुनी पड़ी चांदनी
ये सुर्ख शबनम
तेरे मेरे लिखे ख़त
तेरे बदन की खुशबु
मेरे चेहरे के हर रेखाओं में अटकी हुवी
तेरी मुस्कुराहटें ...
मेरे हातों की लकीरों में
अब भी तक़दीर से उम्मीद करती हुवी
तेरे हातों की लकीरें ...
सबकुछ समेट कर चले जाओ
कुछ ना कहते हुवे....
पर हाँ जाते जाते
इस मृत दिल पे
दस्तक जरुर देते जाना
कुछ पल ही सही
इसे धड़कने की वजह देते जाना ...
Written By - Sajid Shaikh
awesome.......
ReplyDeletetouched the core of my heart.
Thank u bharat jee
ReplyDeletethats gr8..
ReplyDeletefelt from bottom of my heart...
very touching
kya baat hai, nice words
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