Thursday, May 27, 2010


अलविदा ...

ऐसा नहीं करते ...

गर मिल ना पाए तो क्या ...?

धड़कने तो हमारी

धड़कती रहेगी एक ही साथ एक ही वक़्त ...!

चलो आंसू पोंछ लो...

खास कर के इन अश्को को संभालो ॥

इन्हें गिरने ना दो जमीं पर

ये हमारे टूटते बिखरते सपनो के निशाँ है !

यूँ मेरी सजी हुवी तस्वीर को

आँखों से ना बहने दो...!

ऐसा नहीं करते ...

फिरसे वापस ले लो इन अश्को को

तैरता रखो मुझे तुम्हारी आँखों में

जिंदगी भर के लिए !

कम से कम सुकून तो रहेगा मुझे के

मेरे प्यार की सच्चाई

तेरे नम आँखों में मौजूद है

जिंदगीभर के लिये... और मुझे दे रही है हौसला ...

खुद को जिंदा रखने के लिए !

written By-Sajid Shaikh (sajid1111@gmail.com )

2 comments:

  1. aapki har rachna..muze apni si lagti he..
    aapne likha he..main ise mahsus kar dekh rahi hu

    ReplyDelete