Thursday, May 27, 2010


तोहफा

ना लौटा सकता हु

तेरे वो प्यार के पल

ना तोल सकता हु

तेरे आंसुओ का गीलापन

इतना क्या चाहती हो तुम मुझे

इतना अमिर कर दिया है तुमने मुझे

अपनी आत्मा को देकर !!

किस तरह से जताऊ मेरा प्यार तुम्हे ?

फुलोसे से सजाऊ पलको पे बिठाऊ ,

न कुछ दे पाऊ तो नजरे चुराऊ ?

नहीं नहीं

आज मै ले ही आता हु

चाँद तारे जमींपर...सिर्फ तुम्हारे लिए !!!

Written By-Sajid Shaikh (sajid1111@gmail.com)

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