Thursday, May 27, 2010


हिन्दू मुस्लमान...

चलो कुछ ऐसा कर लेते है

हिन्दू मुस्लमान एक हो जाते है

कुछ इंसानियत की बाते करते है

हम खेलते है पवित्र होली केशरी रंगों से

और तुम खेलो हरे रंग से ..!

शांति के परिंदे को देते है उड़ने की इजाजत

मंदिर के कलश पर मस्जिदों के मीनारों पर ...!

मिठाईयां दिवाली की हम बांटे तुम परोसो खीर और शीर्खुर्मा

घर की रंगोलियो में ईद का चाँद सजाते है

जहर भरी फिज़ाओ में प्यार का शंखनाद करते है

आओ यारो कुछ इंसानियत की बाते करते है

आओ यारो गले मिलते है !

साजिद शेख (sajid1111@gmail.com )

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